ख़ास कलम :: आकांक्षा कुमारी
शरीर का अंत मृत्यु नहीं होती बड़े अरमानों को लेकर घरों को छोड़ आयें सीखने मौत को यमराज से छीन लेने की कलाएँ धरती...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: दिनेश तपन
दिनेश तपन की ग़ज़लें 1 धन दौलत संजोते रह गए पाप उमर भर ढोते रह गए थी ख़ुशियों की जिन्हें तमन्ना वे ही सब...