विशिष्ट कवयित्री : कोमल सोमरवाल

1 फासला- (स्त्री एकालाप) तुम चलते रहे पौराणिक कथाओं का ताज पहने मैं कसती रही अपने ऐबों के चोगे का फीता तुम अप्रैल की गोधूलियों...

विशिष्ट कवि : राज किशोर राजन

ईश्वर की सर्वोत्तम रचना कितनी अजीब बात है जब उचारा आपने कि मनुष्य, ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है तो मुखमंडल आपका दिपदिपाने लगा पर जब...

विशिष्ट कवि : सुशील कुमार

बारिश, पहाड़ और भूख रातभर बारिश हुई है पहाड़ पर चीड़-साल नहा गया पोर-पोर नेतरहाट में फुनगियों-पत्तों से टघर रहा पानी अनगिन धार बनकर रिस...