आशा पाण्डेय जी की नज़र से समसामयिक जीवन का कोई भी सिरा छूट नहीं पाता : डॉ भावना

आशा पाण्डेय जी की नज़र से समसामयिक जीवन का कोई भी सिरा छूट नहीं पाता – डाॅ भावना   ग़ज़ल हिन्दी साहित्य की सर्वाधिक लोकप्रिय विधा है। कोई विधा के…

विशिष्ट गीतकार :: गरिमा सक्सेना

गरिमा सक्सेना के नारी विमर्श के पांच गीत 1 रिश्ता जीवन का पुनीत आधी आबादी ममता, त्याग, दुलार, मीत आधी आबादी   तुलसी, आँगन, घर की शोभा, बरतन-बासन पहली शिक्षा…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: महेश अग्रवाल

1 हो  न  जाएं  ख़ाक ये  सद्भावना   की  बस्तियांँ मज़हबों  की  माचिसों में  नफरतों  की  तीलिया   कुछ हवा कुछ रोशनी कुछ खुशबुएं मिलती रहें, बस खुली रखनाहमेशा सोचकी सब…

विशिष्ट कवयित्री :: भावना सिन्हा

धान रोपती औरतें धान रोपती औरतें आँचलिक भाषा में गाती हैं जीवन के गीत अवोध शिशु की तरह पुलक उठता है खेत का मन उनके हाथों के स्पर्श से  …