मानव मन के गहरे अँधरे कोनों की पड़ताल करता उपन्यास – दृश्य से अदृश्य का सफ़र :: पंकज सुबीर
मानव मन के गहरे अँधरे कोनों की पड़ताल करता उपन्यास - दृश्य से अदृश्य का सफ़र पंकज सुबीर हिन्दी कथा संसार का दायरा वैसे...
विशिष्ट कवयित्री :: डॉ. भावना
भावना की तीन कविताएँ 1 यह अलग बात है कि पर्दा उठ चुका है जिन्दगी के रंगमंच पर खेला जा रहा यह खेल खत्म हो...
बहुआयामी प्रतिभा की धनी : डाॅ शांति कुमारी :: जयप्रकाश मिश्र
बहुआयामी प्रतिभा की धनी : डाॅ शांति कुमारी जयप्रकाश मिश्र हिंदी तथा बज्जिका साहित्य की यशस्विनी साहित्यकार एवं कवयित्री डाॅ शांति कुमारी का नाम किसी...
ख़ास कलम :: हेमा सिंह
माँ - हेमा सिंह मैं रोई तो माँ भी मेरे दर्द से कितना रोई थी ! जीवन दान मुझे देने को, आशीषों के ताग...
दोहे :: गरिमा सक्सेना
दोहे गरिमा सक्सेना माँ है मूरत प्रेम की, ममता का भंडार। संतानों में देखती, वो अपना संसार।। सदा सुधा ही बाँटती, सहकर शिशु की लात।...
विशिष्ट गीतकार :: डॉ. सीमा विजयवर्गीय
तस्वीरों में जब भी माँ दिख जाती है डॉ. सीमा विजयवर्गीय तस्वीरों में जब भी माँ दिख जाती है मुझको उसकी बेहद याद सताती है...
विशिष्ट गीतकार :: सोनिया अक्स
नज़्म सोनिया अक्स अभी जिंदा है मेरी मां , अभी मैं रो नहीं सकती अंधेरे लाख घिर आऐं तजल्ली खो नही सकती मेरे अश्कों का...
विशिष्ट गीतकार :: योगिता ‘जीनत’
माँ - योगिता 'जीनत' जब मैंने अपने अधरों से पहली बार कहा था माँ , तेरी अँखियों से ममता का कितना नीर बहा था माँ...
विशिष्ट गीतकार :: डॉ. संजय पंकज
डॉ. संजय पंकज के तीन गीत मां तो होती सबके आगे पीछे रहती रखती सबको साए में! मां तो होती धूप चांदनी कुछ गाए अनगाए...
विशिष्ट गीतकार :: महेश कटारे सुगम
नवगीत अम्मा महेश कटारे सुगम घर में नहीं अकेली अम्मा तुलसी का घरुवा गुटका रामायण का भगवानों से सजा हुआ इक सिंहासन एक दुधारू गैया...