विशिष्ट कहानीकार :: गोपाल फलक
आम पक गए हैं गोपाल फ़लक खिड़की से बाहर देखा घुप अंधेरा था, बीच-बीच में झिंगुर की आवाज, भगजोगनी (जुगनू) का टिमटिमाना और कुत्तों का अलाप वातावरण को डरावना…
आम पक गए हैं गोपाल फ़लक खिड़की से बाहर देखा घुप अंधेरा था, बीच-बीच में झिंगुर की आवाज, भगजोगनी (जुगनू) का टिमटिमाना और कुत्तों का अलाप वातावरण को डरावना…
तोतली जुबान वाला हर्ष डॉ शिवम् तिवारी “तातू, तातू, आ गए मेरे तातू” सर पर बेतरतीब बिखरे बाल, बदन पर पुरानी टी-शर्ट एवं अधफटी नेकर पहने महज 5 बरस का…
आम आदमी की कविताएं ‘आकाश के पन्ने पर’ आशीष मोहन डॉ. अमरजीत कौंके समकालीन कविताई के जाने-माने नाम, हिंदी और पंजाबी के बीच सेतु और दोनों ही भाषाओं के सिद्धहस्त…
भादो में भुनेसर राइडर राकेश अंतिम भादो की इस आधी रात टिटहरी के द्रुत-मद्धम ताल के बीच बूंदें उतरने की आवाज़ें आ रही हैं घास, डिब्बे, पत्ते, टीन, पानी और…
प्रगतिशीलता का दंश – दिनेश ‘तपन’ वे उच्च शिक्षा प्राप्त एक सम्पन्न व्यक्ति थे,मगर उन्हें गाँव का वातावरण प्रियकर नहीं लगा,लिहाजा पचास-साठ बीघे…
केशव शरण की ग्यारह ग़ज़लें 1. बताये दर गया था तुम वहाँ भी थे नहीं मैं पुराने घर गया था तुम वहाँ भी थे नहीं वायदे पर भेंट करने चीज़…
हरिहर प्रसाद चौधरी ‘नूतन’ के पाँच गीत (कवि की पुण्यतिथि पर स्मरण) विघटन की गहराइयाँ छोटे-छोटे सुख के पौधे, ऐश्वयों की डालियाँ बौरायी हैं खट्टे-मीठे फलवाली अमराइयाँ । धोखे…
( डाॅ श्रीरंग शाही की पुण्यतिथि 25 सितंबर पर विशेष – उनके द्वारा लिखित आलेख संत कवि दादू) संत कवि दादू डाॅ श्रीरंग शाही दादू दयाल सर्वात्मवाद के प्रवर्तक और…