पुस्तक समीक्षा
भावों के रंगों की भरमार- ‘नीले अक्स’ – समीक्षक – केदारनाथ ‘शब्द मसीहा’ कविता और वो भी जीवन से जो पैदा हो, पढ़ने पर पाठक के मन तक पहुँचती है।…
भावों के रंगों की भरमार- ‘नीले अक्स’ – समीक्षक – केदारनाथ ‘शब्द मसीहा’ कविता और वो भी जीवन से जो पैदा हो, पढ़ने पर पाठक के मन तक पहुँचती है।…
प्रजापति की ग़ज़लें अत्यंत सहजता से वर्तमान के यथार्थ तक ले जाती हैं – अनिरुद्ध सिन्हा डॉ कृष्ण कुमार प्रजापति की ग़ज़लें साधारण बोलचाल की आवाज़ के उतार-चढ़ाव में हैं…
पुस्तक समीक्षा हर इक ख़ूबी-ओ-ख़ामी पर नज़र जाए तो अच्छा हो: दहलीज़ का दिया – के. पी. अनमोल ‘दहलीज़ का दिया’ भाई वाहिद काशीवासी का पहला ग़ज़ल संग्रह है। बनारस…
उर्दू हिंदी अल्फ़ाज़ का हसीन मिलन शब्दों की कीमत शायरी का लगाव हमेशा दिल से रहा है. मौज़ू और मंज़ूम कलाम को शायरी कहते हैं. दूसरे शब्दों में अपने हुस्न-ए-ख़्याल…
जानकीवल्लभ शास्त्री के गीत में संगीत पुस्तक के लेखक डॉ अरविंद कुमार ने यह काम कर दिखाया है, जो शास्त्री जी पर शोध करने वाले दर्जनों शोध कर्ताओं से संभव…
अग्निशेखर की कविताओं में प्रकृति के बिम्ब विस्थापन की भावभूमि पर आकर जो रूप लेते हैं , वह दुःख, भय, त्रासदी और आशा के बीच के अंतर्द्वंद्व को जिस काव्यात्मक…