विशिष्ट गीतकार : साेनरूपा
सूना सूना सा दरपन नहीं चाहिए! तुम न हो ऐसा जीवन नहीं चाहिए! फूल कब खिल सका है धरा के बिना ख़ुशबुएं कब उड़ी हैं...
विशिष्ट गीतकार : शिव कुमार बिलगरामी
प्यार करते हो मुझे तुम तो यही उपहार देना मैं तुम्हारा हो न पाऊँ , फिर भी मुझको प्यार देना तुम अगर मेरे सुहृद हो...
विशिष्ट गीतकार : शांति सुमन
पुलकवाली नींद तुम नदी होते तुम्हीं से कहा करते बात मन की लहर से हम मांग लाते धार पर बहना और उल्टी हवाओं में पांव...
विशिष्ट गीतकार : वशिष्ठ अनूप
साँस रुक सी गयी साँस रुक सी गयी, थम गयीं धड़कनें तुमको देखा तो दिल मुस्कराने लगा। ये निगाहें ठगी -सी रहीं देखती इक अजब...
विशिष्ट गीतकार : अमरेंद्र
मेघ गरजा रात भर है, प्यार सचमुच में अमर है । कौन कहता है विरह में बस धरा दो टूक होती, क्या कहूँ कि नभ-हृदय...
विशिष्ट गीतकार : माधवी चौधरी
सखि आया देख बसंत पीत वसन को पहन पधारा लगता प्रिय ज्यों कंत आमों में मँजरिया डोले बागों में कोयलिया बोले मन में उठे उमंग...
विशिष्ट गीतकार : गरिमा सक्सेना
पतझर-सा यह जीवन जो था शांत, दुखद, बेहाल उसमें तुम फागुन-सा आकर प्रिय मल गए गुलाल गम को निर्वासित कर तुमने मेरा मोल बताया जो...
विशिष्ट गीतकार : संजय पंकज
रात चाँदनी चुपके आई खिड़की से सिरहाने में! सुबह सुबह तक रही सुबकती लीन रही दुलराने में! पता नहीं क्यों लापता रही कितने दिन बेगानों-सी...
विशिष्ट गीतकार : दरवेश भारती
प्रिये! प्रीत की रीत तुमने न जानी विरह में समय ज्यों गुज़ारा हृदय जानता है हमारा हमेशा उदासीनता ही रही साथ बनकर सहारा व्यथा यह...
विशिष्ट गीतकार : हरि नारायण सिंह ‘हरि’
बहुत दिनों से तेरा-मेरा रिश्ता तना-तना सम्बंधों के बीच तना है कुहरा घना-घना इन्हें पिघल जाने दें अब तो समय बचा थोड़ा फिर से तार...