विशिष्ट ग़ज़लकार : विकास
1 प्यार हमने किया छोड़िये छोड़िये चाक दामन सिया छोड़िये छोड़िये शोख़ पुरवईया दिल दुखाती रहीं साथ उनके जिया छोड़िये छोड़िये ये न समझो कि...
विशिष्ट कवि : ध्रुव गुप्त
तुम मुझे मिली तुम मुझे मिली मैं सरेराह ठिठक गया तुमने मुझे देखा मेरी आंखों में उग आया सतरंगा इंद्रधनुष तुम मुस्कुराई मेरे भीतर हरसिंगार...
विशिष्ट ग़ज़लकार : हस्तीमल हस्ती
1 तुम क्या आना-जाना भूले हम तो हंसना हंसाना भूले तुमने ही तो चमन खिलाया तुम ही फूल खिलाना भूले हम से भूल हुई क्या...
विशिष्ट ग़ज़लकार : अशोक अंजुम
1 वो मिले यूँ कि फिर जुदा ही न हो ऐसा माने कि फिर ख़फ़ा ही न हो मैं समझ जाऊँ सारे मजमूँ को खत...
विशिष्ट कवयित्री : आरती तिवारी
प्रेम 1 तुमने कहा चाहता हूँ बेइन्तहा तुम्हे तुम्हारी खातिर सो नहीं पाता रातों को तुम्हारे सिर्फ तुम्हारे लिए जागता और बदलता हूँ करवटें सारी...
विशिष्ट कवयित्री : मालिनी गौतम
मत करना प्रेम तुम मुझे मत करना प्रेम सबके सामने कि लोग जान जाएँगे राज़ एक ठूँठ वृक्ष के हरे होने का तुम करना प्रेम...
विशिष्ट कवि : विमल चंद्राकर
हम_तुम को समर्पित तुम भाग्य बदलने आयी हो न जाने तुम कौन देश से पावन प्रकाश संग लायी हो महक उठा है जीवन मेरा सद्मित्रता...
विशिष्ट गीतकार : गरिमा सक्सेना
पतझर-सा यह जीवन जो था शांत, दुखद, बेहाल उसमें तुम फागुन-सा आकर प्रिय मल गए गुलाल गम को निर्वासित कर तुमने मेरा मोल बताया जो...
विशिष्ट कवियित्री : अनीता सिंह
स्पर्श के संस्मरण ये सब तुम्हारे थिर था प्रतिबिम्ब छुआ दी तुमने तर्जनी की पोर देर तक काँपता रहा तालाब ऊष्मा रख दी गले पर...
विशिष्ट गीतकार : संजय पंकज
रात चाँदनी चुपके आई खिड़की से सिरहाने में! सुबह सुबह तक रही सुबकती लीन रही दुलराने में! पता नहीं क्यों लापता रही कितने दिन बेगानों-सी...