सुभद्रा कुमारी चौहान : एक परिचय :: डॉ श्रीरंग शाही

स्मृतिशेष साहित्यकार डॉ श्रीरंग शाही की जयंती ( 7 फरवरी) पर उनका आलेख श्रीमती चौहान ओज और वीर रस की गायिका थी। आप वीरों का कैसा हो वसंत और झांसी…

विशिष्ट कहानीकार :: गीता पंडित

टर्निंग पोइंट        – गीता पंडित “मिस्टर रॉबर्ट, आप यहाँ विदेश में कामियाब बिजनेस मैन हैं. आपके पिता इंडियन थे इसलिए आप से ही पूछती हूँ कि यहाँ…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: ओम प्रकाश यती

ओम प्रकाश यती की पांच ग़ज़लें 1 जब आएगा कभी ये वक़्त आपदा बनकर रहेंगे दोस्त मेरे साथ हौसला बनकर किसी की पूजा से वह क्यों बचे सियासत में न…

विशिष्ट कवयित्री :: अनीता रश्मि

अनिता रश्मि की पांच कवितायें चाह अबकी आना लाना संग पलाश, गुलमोहर थोड़ी मिट्टी गाँव की, नदी किनारे का चिकना पत्थर गीली रेत, थोड़ी हवा धूप भी और लाना भर…

विशिष्ट गीतकार :: गरिमा सक्सेना

गरिमा सक्सेना के पांच गीत (1) दुहरापन जीते हैं झेल रही है नयी सदी यह मन-मन की संवादहीनता मन पर हावी हैं इच्छाएँ अस्त-व्यस्त ये दिनचर्याएँ छीन रही है सुख…

प्लेकार्ड :: डॉ. गीता शर्मा

प्लेकार्ड         -डॉ. गीता शर्मा “हैलो।” “हैलो! कौन बोल रहा है?” “जी, मैं सारंग।” “सारंग! कौन सारंग?” “जी, मुझे राजीव जी से बात करनी है।” “ओह! वह…

लघुकथा :: चित्तरंजन गोप ‘लुकाठी’

एक ठेला स्वप्न –  चित्तरंजन गोप ‘लुकाठी‘ आज खूब ठूंस-ठूंसकर खाना खा लिया था। पेट भारी हो गया था। इसलिए पलंग पर लेट गया। लेटे-लेटे खिड़की से बाहर का नजारा…

डाॅ शान्ति कुमारी यानी संकल्प से सिद्धि तक :: भावना

डाॅ शान्ति कुमारी यानी संकल्प से सिद्धि तक भावना माँ और बच्चे के बीच में हमेशा दो भाव काम करते हैं ।पहला ‘वानरी भाव’ और दूसरा ‘मार्जारी भाव’। ”बन्दर का…