विशिष्ट ग़ज़लकार : अनिरुद्ध सिन्हा

उदास-  उदास  सफ़र  था  उदास  रस्ता भी उदास लगता था मुझको ख़ुद अपना साया भी   हमारी  रात  उजालों  से  कब  हुई  रौशन बना  के ...