विशिष्ट ग़ज़लकार : नूर मोहम्मद नूर

ग़ज़लें 1 बेवजह, बात बेबात होती, रही तिश्नगी दिल मे सौग़ात होती, रही जिस तरह अजनबी, अजनबी से मिले ज़िंदगी से मुलाक़ात, होती रही इक...

विशिष्ट कहानीकार : यासुनारी कावाबाता

मस्सा कथाकार - यासुनारी कावाबाता अनुवाद - सुशांत सुप्रिय कल रात मुझे उस मस्से के बारे में सपना आया। 'मस्सा' शब्द के जिक्र मात्र से...

पुस्तक समीक्षा

हिंदी ग़ज़ल का प्रभुत्व यानी हिंदी ग़ज़ल का नया पक्ष - लेखक - अनिरुद्ध सिन्हा/ समीक्षक  - शहंशाह आलम हिंदी ग़ज़ल की आलोचना मेरे ख़्याल से हिंदी साहित्य...