विशिष्ट गीतकार : दरवेश भारती
प्रिये! प्रीत की रीत तुमने न जानी विरह में समय ज्यों गुज़ारा हृदय जानता है हमारा हमेशा उदासीनता ही रही साथ बनकर सहारा व्यथा यह...
विशिष्ट गीतकार : हरि नारायण सिंह ‘हरि’
बहुत दिनों से तेरा-मेरा रिश्ता तना-तना सम्बंधों के बीच तना है कुहरा घना-घना इन्हें पिघल जाने दें अब तो समय बचा थोड़ा फिर से तार...
विशिष्ट गीतकार : ईश्वर करुण
अब किसे क्या प्यार करना कल मेरा मुख पोंछती थी, ले दुपट्टे का किनारा आज बेचा आईने के हाथ कल का सच हमारा क्या भला...
विशिष्ट गीतकार : रंजन कुमार झा
बीती यादों के अनगिन सहारे लिए गीत मैंने लिखे हैं तुम्हारे लिए वो तुम्हारी छुअन का जो अहसास था मिल रही निज धरा से ही...
विशिष्ट गीतकार : अनिरुद्ध सिन्हा
रात हुई तो सूरज निकला मन का सपना है झूठ बड़ा है सच छोटा है वर्षों की उतरन तन से ज़्यादा झेल रहा मन जीवन...
विशिष्ट गीतकार : चंद्रेश शेखर
तुम नदी के उस किनारे, और मैं इस पार बैठा यूँ हमारे बीच कोई खास तो दूरी नहीं है तैरना भी जानता हूँ,यह भी मजबूरी...
विशिष्ट कवि : राहुल शिवाय
षड्-ऋतु विरह कवित्त वसंत पवन मधुर बहे, अली प्रेम राग कहे, राग ये घायल उर व्याकुल बनाते हैं l पोर-पोर नव प्राण, मधुर कोयल गान,...
विशिष्ट गीतकार : दिनेश प्रभात
(1) उमर की सीढ़ियाँ चढ़ते मुझे फिर याद आये तुम पुकारा है मुझे फिर से मनोरम झील के तट ने निमंत्रण उँगलियों को फिर दिया...
विशिष्ट गीतकार : रूपम झा
1 मैं भी खुदापरस्त हूँ, मेरे खुदा हो तुम हो प्यार के मसीहा, अहले-वफ़ा हो तुम हैं नाचते अधर पर, तुमसे मिले तरन्नुम तुम मुझमें...