विशिष्ट गीतकार : हरि नारायण सिंह ‘हरि’

बहुत दिनों से तेरा-मेरा रिश्ता तना-तना सम्बंधों के बीच तना है कुहरा घना-घना इन्हें पिघल जाने दें अब तो समय बचा थोड़ा फिर से तार...