विशिष्ट कवयित्री : स्वाति शशि
मैं तुमसे मिलना चाहती हूं मैं तुमसे मिलना चाहती हूं सिर्फ़ एक बार मैं जानना चाहती हूं जवाब अपने बहुत सारे सवालों का मैं तुमसे...
विशिष्ट कवयित्री :: ज्योति रीता
ज्योति रीता की छह कविताएं लड़कियों का मन कसैला हो गया है इन दिनों लड़कियों का मन कसैला हो गया है अब वह हँसती नहीं...
विशिष्ट कवि :: सुरेंद्र रघुवंशी
सुरेन्द्र रघुवंशी की पांच कविताएं अन्नदाता मौसम की मार से बड़ी होती है सरकार की मार कि किसी भी मौसम के किसी भी सत्र में...
विशिष्ट कवयित्री :: निर्देश निधि
सुनो स्त्रियों आज महालया का शुभ दिन है और आज तुम्हारे नयन सँवारे जाने हैं तुम्हें कह दिया गया था सभ्यताओं के आरम्भिक दौर...
विशिष्ट कवि :: मुकेश कुमार सिन्हा
शान से जीने दो - मुकेश कुमार सिन्हा कभी बाँध कर देखो दो-ढाई किलो का पत्थर पेट से पाँच-छः...
विशिष्ट कवयित्री :: डॉ. भावना
भावना की तीन कविताएँ 1 यह अलग बात है कि पर्दा उठ चुका है जिन्दगी के रंगमंच पर खेला जा रहा यह खेल खत्म हो...
विशिष्ट कवि :: अरुण शीतांश
अरुण शीतांश की तीन कविताएं दादी मां की याद दादी की बहुत याद आ रही है बगल में एक दादी रोती है रोज़ लकवा ...
विशिष्ट कवि :: अभिनव अरुण
अभिनव अरुण की चार कविताएं छोटी कविता ! बहुत दिनों बाद जेठ की ठेठ तपती दुपहरी में बरसे है बादल तेज आंधी के साथ...
विशिष्ट कवि :: धर्मेंद्र गुप्त ‘साहिल’
कई हिस्सों में बंटी है मां धर्मेंद्र गुप्त 'साहिल' कई हिस्सों में बँटी है माँ के सभी हिस्से अलग-अलग रहते हैं माँ बारी-बारी से प्रत्येक...
विशिष्ट कवयित्री :: कल्याणी शर्मा
मेरा पहला रिश्ता तुम से ही है मां कल्याणी शर्मा दूर गई हूँ जब से तब से ज़्यादा जान पाई हूँ माँ तुम कितनी कितनी...