अदम्य :बिहार के युवा ग़ज़लकार :: देवयानी झाडे
अदम्य :बिहार के युवा ग़ज़लकार ‘अदम्य’ ग़ज़ल-संग्रह अपने समय की तमाम दबी कुचली और पीड़ित आवाजों को मुखर बनाने में सफल हुआ है| यह पुस्तक...
आम आदमी की कविताएं ‘आकाश के पन्ने पर’ :: आशीष मोहन
आम आदमी की कविताएं 'आकाश के पन्ने पर' आशीष मोहन डॉ. अमरजीत कौंके समकालीन कविताई के जाने-माने नाम, हिंदी और पंजाबी के बीच सेतु और...
भाव और कला पक्ष का उत्कृष्ट सृजन ‘मेरी मां में बसी है…’ :: अविनाश भारती
भाव और कला पक्ष का उत्कृष्ट सृजन ‘मेरी मां में बसी है…’ अविनाश भारती `मेरी माँ में बसी है...´ बिहार की परवीन शाकिर कही जाने...
पुस्तक समीक्षा :: एटमी हथियारों की होड़ पर गंभीर सवाल ‘रुई लपेटी आग’ :: ऋचा वर्मा
एटमी हथियारों की होड़ पर गंभीर सवाल 'रुई लपेटी आग' :: ऋचा वर्मा (अवधेश प्रीत की पुस्तक 'रुई लपेटी आग' की समीक्षा) अपने पहले उपन्यास 'अशोक...
कोरोना काल में बेबसी की कविताएं ‘दुनिया भेलई उदास’ :: सुधांशु चक्रवर्ती
कोरोना काल में बेबसी की कविताएं 'दुनिया भेलई उदास' सुधांशु चक्रवर्ती दुनिया की कोई भी भाषा पिंजरे में क़ैद नहीं होती।प्रेम-मुहब्बत,दु:ख-दर्द, भूख, सुरक्षा, सम्मान आदि...
हृदय से निसृत साधना का गीत ‘बात करती शिलाएं’ :: कान्ति शुक्ला
हृदय से निसृत साधना का गीत 'बात करती शिलाएं' कान्ति शुक्ला काव्य सृजन जीवन का स्पंदन है। जब यही स्पंदन सहजता और सरलता से मुखरित...
इक्कीसवीं सदी के इक्कीसवें साल की बेहतरीन ग़ज़लें’: एक नायाब संकलन – के.पी.अनमोल
इक्कीसवीं सदी के इक्कीसवें साल की बेहतरीन ग़ज़लें': एक नायाब संकलन ...
लघुकथाओं को अलग ढंग से परिभाषित करते हैं रमेश बत्तरा :: ऋचा वर्मा
लघुकथाओं को अलग ढंग से परिभाषित करते हैं रमेश बत्तरा ...
‘ग़ज़ल एकादश’ की ग़ज़लें आम आदमी के करीब :: विनय
'ग़ज़ल एकादश' की ग़ज़लें आम आदमी के करीब ...
समय की आवाज़ का प्रतिबिंब ‘अभी दीवार गिरने दो’ :: डॉ पंकज कर्ण
समय की आवाज़ का प्रतिबिंब 'अभी दीवार गिरने दो' ...