संस्मरण :: राजेन्द्र यादव से रूप सिंह चंदेल की बातचीत

आत्मकथा और आत्मछलना के विभिन्न रूप : राजेन्द्र यादव   -  बातचीत : रूप सिंह  चंदेल दलित और नारी विमर्श आज साहित्य और वैचारिक विमर्श...

ग़रीबी देशकाल के अनुसार अपनी परिभाषा बदलती है : शरद कोकास

ग़रीबी देशकाल के अनुसार अपनी परिभाषा बदलती है   शरद कोकास    गाँधी विद्यालय भंडारा में मिडिल स्कूल में श्री घड़ोले हमें अंग्रेज़ी पढ़ाते थे ৷...

योग के साथ, घर में योग :: कुमार कृष्णन

योग के साथ, घर में योग कुमार कृष्णन कोविड-19 महामारी के बीच लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चुनौतियाँ बढ़ती जा रही हैं।...

बहुआयामी प्रतिभा की धनी : डाॅ शांति कुमारी :: जयप्रकाश मिश्र

बहुआयामी प्रतिभा की धनी : डाॅ शांति कुमारी जयप्रकाश मिश्र हिंदी तथा बज्जिका साहित्य की यशस्विनी साहित्यकार एवं कवयित्री डाॅ शांति कुमारी का नाम किसी...

वर्तमान परिदृश्य और शिक्षा :: चितरंजन कुमार

वर्तमान परिदृश्य और शिक्षा चितरंजन कुमार शिक्षा जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है। शिक्षा मानवीय संस्कार और सरोकार को बदलने का एक मात्र माध्यम है...

हजारों अनाथ बच्चों  की मां सिंधु ताई :: हेमलता म्हस्के

हजारों अनाथ बच्चों  की मां सिंधु ताई हेमलता म्हस्के अपने ही दुख दर्द में खुद को डुबोए रखोगे तो बहुत कोशिश के बाद भी तुम्हारी...

साहित्यिक छल-छद्म से हमेशा अलग रहे रेणु :: डॉ. रामवचन राय

साहित्यिक छल-छद्म से हमेशा अलग रहे रेणु डॉ.रामवचन राय रेणु जी नहीं रहे, मन यह मानने को तैयार नहीं होता। जो लोग उन्हें जानते हैं,...

पिघलता हिमालय और सूखता भारत :: मधुकर वनमाली

पिघलता हिमालय और सूखता भारत        मधुकर वनमाली भारतवर्ष भागीरथ का देश है। हिमालय और गंगा का भी। जल से पूरित भूमि। नदियों को यहां माता...