प्लेकार्ड :: डॉ. गीता शर्मा
प्लेकार्ड -डॉ. गीता शर्मा “हैलो।” “हैलो! कौन बोल रहा है?” “जी, मैं सारंग।” “सारंग! कौन सारंग?” “जी, मुझे राजीव जी से बात करनी है।” “ओह! वह…
प्लेकार्ड -डॉ. गीता शर्मा “हैलो।” “हैलो! कौन बोल रहा है?” “जी, मैं सारंग।” “सारंग! कौन सारंग?” “जी, मुझे राजीव जी से बात करनी है।” “ओह! वह…
एक ठेला स्वप्न – चित्तरंजन गोप ‘लुकाठी‘ आज खूब ठूंस-ठूंसकर खाना खा लिया था। पेट भारी हो गया था। इसलिए पलंग पर लेट गया। लेटे-लेटे खिड़की से बाहर का नजारा…
डाॅ शान्ति कुमारी यानी संकल्प से सिद्धि तक भावना माँ और बच्चे के बीच में हमेशा दो भाव काम करते हैं ।पहला ‘वानरी भाव’ और दूसरा ‘मार्जारी भाव’। ”बन्दर का…
हिन्दी ग़ज़ल के बढ़ते आयाम”-मूलभूत तथ्यों की पहचान – अनिरुद्ध सिन्हा आधुनिक कवियों ने एक विशेष ढंग से,एक विशेष दिशा में हिन्दी कविता को मोड़ने का प्रयास किया। हिन्दी कविता…
गिरमिटियों के उद्धार में पं. तोताराम सनाढ्य का योगदान डॉ सुभाषिणी लता कुमार पं. तोताराम सनाढ्य ने अपने गिरमिट अनुभव को ‘फीजी द्वीप में मेरे 21 वर्ष’नामक पुस्तक में…
राहुल शिवाय के पांच गीत कौन करे पतितों को पावन बापू! कैसी थी बतलाओ आजादी की शाम आज अलग है क्या उस दिन से भारत का परिणाम सत्याग्रह ने अर्थ…
प्रेम किरण की दस ग़ज़लें 1 नफ़रत ही रह गयी है मुहब्बत चली गयी घर से हमारे रूठ के बरकत चली गयी हम भी ख़ुशी के नाज़ उठाते कहां तलक…
मूल्यहीन होते समय में पितापरक कविताओं का अमूल्य संकल डॉ पंकज कर्ण महान चिंतक बर्ट्रेंड रसेल ने कहा है:- “आनंद कोई दुर्लभ चीज नहीं है। कई बार पके हुए फल…
विवेक मिश्र की तीन ग़ज़लें 1 जो था फ़क़त तुम्हारा, तुम्हे देर से मिला यानी,,,,पता हमारा, तुम्हे देर से मिला जो ख़्वाब में बसाया था, तामीर के लिए…
सफरनामा कभी कभी मैं जब अपनी प्यास के सफरनामे की पड़ताल करने बैठता हूँ तो मुझे महसूस होता है की इस सफरनामे में मैंने हरिद्वार के पवित्र गंगाजल से लेकर…