समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर :: मनोरमा पंत
समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर – मनोरमा पंत महत्वपूर्ण पुस्तकों के संपादक-लेखक सुरेश सौरभ, नवीन लघुकथा का साझा संग्रह ‘मन का फेर‘ लेकर पाठकों के बीच…
समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर – मनोरमा पंत महत्वपूर्ण पुस्तकों के संपादक-लेखक सुरेश सौरभ, नवीन लघुकथा का साझा संग्रह ‘मन का फेर‘ लेकर पाठकों के बीच…
अंजना वर्मा के पाँच गीत (1) यह समय खामोश रहने का नहीं है इस तरह हैवानियत का खेल जो खेला गया आदमी की असलियत वह खोल करके रख गया और…
ललन चतुर्वेदी की दस कविताएं देह का अध्यात्म वह सद्यस्नाता स्त्री जिसके कुंतल से टपक रहे हैं बूँद-बूँद जल एक झटके से झाड़कर बाल खड़ी हो गई है आईने के…
अमर पंकज की छह ग़ज़लें 1 काश किस्मत की लकीरों से चुराता मैं उसे, साथ साया सा हमेशा पास पाता मैं उसे। है मुहब्बत ही दवा हर ज़ख़्म की ये…
मोहम्मद हरि भटनागर इस काॅलोनी में मैं एकदम नया था। अपरिचित। किसी से जान-पहचान न थी। इसके पहले मैं जहां रहता था, वह जगह जुमेराती नाम से जानी जाती थी…
डॉ शांति कुमारी:शिक्षा, सृजन और सरोकार की संवेदना डॉ संजय पंकज ग्रामीण सामाजिकता में पली-बढ़ी कोई स्त्री जब शिक्षा और सृजन के क्षेत्र में आती है तो उसके योगदान महत्वपूर्ण,…
माँ तुम्हारा धन्यवाद… (आद्या भारद्वाज द्वारा अपनी नानी माँ पर लिखा संस्मरण) मैं अपनी नानी माँ डॉ शांति कुमारी को ‘माँ’ कह कर बुलाती थी। घर में सभी लोग उन्हें…
दादा जी की टॉफियां सुजाता प्रसाद आशु और अवनि दादा जी के साथ खेल रहे थे। आशु दादा जी को गेंद कैच करवाता और दादा जी अवनि को। बच्चों के…
चूहा-बिल्ली संवाद – डॉ भावना चूहे ने बिल्ली से कहा- तुम सताती रही हो, सदियों से हमें है, तुम्हारा जमाना अब लद…
अंशु केशव की दो ग़ज़लें 1. अज़ीज़ था मेरा जो नींद से मुझे जगा गया फिर असलियत में ख़्वाब क्या है ये मुझे बता गया वो मूरतें बना-बना के तोड़ता…