खास कलम :: शांडिल्य रामानुजम
थोड़ा सा नाराज हूं तुम मिले फिर आज मुझसे, खुश बहुत मै आज हूं। छोड़कर पर क्यूं गये थे, थोड़ा सा नाराज हूं।। दीवारों के बीच थे बैठे,…
थोड़ा सा नाराज हूं तुम मिले फिर आज मुझसे, खुश बहुत मै आज हूं। छोड़कर पर क्यूं गये थे, थोड़ा सा नाराज हूं।। दीवारों के बीच थे बैठे,…
समय की नब्ज़ को टटोलती कविताओं का नायाब गुलदस्ता ‘देखा है उन्हें’ डॉ भावना ‘देखा है उन्हें’ रविंद्र उपाध्याय जी का सद्य प्रकाशित कविता- संग्रह है,जो अभिधा प्रकाशन, मुजफ्फरपुर से…
शिक्षा का असर जंगल में प्रजातंत्र की बात हो रही थी। सारे पशुओ के प्रतिनिधियों की बनी कमेटी ने तय किया कि इसके लिए शिक्षा का प्रचार-प्रसार आवश्यक है। जन-…
प्रेम करने से पहले प्रेम को पढ़िए भी – सलिल सरोज “कौन सा गुनाह ? कैसा गुनाह ? किसी से जिंदगी भर स्नेह रखने, प्रेम करने का गुनाह… स्नेह और…
साहित्य के पक्ष की बात करता है “आलोचना का विपक्ष” नीरज नीर आलोचना मनुष्य की स्वाभाविक वृति है पर यह आलोचना जब किसी सम्यक विचारवान व्यक्ति के द्वारा की जाये…
अहल्या सुनो राम ! पूरी दुनियाँ जानती थी कि दोषी इंद्र था पर मुझे ही क्यों श्राप का भागी बनाया गौतम को महर्षि बनने का लालच था या सामाजिक भय…
कैलाश झा किंकर गीत, कविता व ग़ज़ल के प्रमुख हस्ताक्षर रहे हैँ. साहित्य की विभिन्न विधाओ में ये निरंतर सृजन कर रहे हैं. पिछले दिनों कोरोना संक्रमण के कारण इनका…
पहचान – सोनाली मिश्रा इस छोटे शहर के इकलौते बड़े होटल में आकाश अपने कमरे में वापस आ गया। हालांकि बारिश का मौसम नहीं था पर बेमौसम बारिश ने उसे…
डॉ शिवदास पांडेय मुजफ्फरपुर के प्रमुख साहित्यकार रहे हैं. इनका चले जाना बिहार ही नहीं, देश की साहित्य-सर्जना के लिए बड़ी क्षति है. कुशल प्रशासक का दायित्व निभाते हुए इन्होंने…