रेत की तरह फिसल जाये उम्मीद :: शबनम सिन्हा

रेत की तरह फिसल जाये उम्मीद : शबनम सिन्हा चिलचिलाती धूप में टपकते पसीने के बाद भी आगे बढ़ते कदम इस उम्मीद के साथ कि पेट भरने के लिये हो…

समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर :: मनोरमा पंत

समाज को जागरूक कर रहा पुस्तक मन का फेर  – मनोरमा पंत महत्वपूर्ण पुस्तकों के संपादक-लेखक सुरेश सौरभ, नवीन लघुकथा का साझा संग्रह ‘मन का फेर‘ लेकर पाठकों के बीच…

विशिष्ट कवि :: ललन चतुर्वेदी

ललन चतुर्वेदी की दस कविताएं  देह का अध्यात्म वह सद्यस्नाता  स्त्री जिसके कुंतल से टपक रहे हैं बूँद-बूँद जल एक झटके से झाड़कर बाल खड़ी हो गई है आईने के…

मोहम्मद :: हरि भटनागर

मोहम्मद हरि भटनागर इस काॅलोनी में मैं एकदम नया था। अपरिचित। किसी से जान-पहचान न थी। इसके पहले मैं जहां रहता था, वह जगह जुमेराती नाम से जानी जाती थी…

डॉ शांति कुमारी:शिक्षा, सृजन और सरोकार की संवेदना :: डॉ.संजय पंकज

डॉ शांति कुमारी:शिक्षा, सृजन और सरोकार की संवेदना  डॉ संजय पंकज ग्रामीण सामाजिकता में पली-बढ़ी कोई स्त्री जब शिक्षा और सृजन के क्षेत्र में आती है तो उसके योगदान महत्वपूर्ण,…

माँ तुम्हारा धन्यवाद… :: आद्या भारद्वाज

माँ तुम्हारा धन्यवाद… (आद्या भारद्वाज द्वारा अपनी नानी माँ पर लिखा संस्मरण) मैं अपनी नानी माँ डॉ शांति कुमारी को ‘माँ’ कह कर बुलाती थी। घर में सभी लोग उन्हें…